डॉ पंकज चतुर्वेदी
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई
अगर किसी को जुकाम, बुखार एवं सांस की तकलीफ है तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चहिये.
अन्ठानवे प्रतिशत ऐसे लक्षण सामान्य जुकाम के होते हैं न की कोरोना संक्रमण के. इसीलिए कोरोना वायरस अधिकांश लोगों में खतरनाक नहीं होता है. जो लोग वृद्ध हैं, डायबिटिक हैं, जिनके फेफड़े कमजोर हैं उन्हें विशेष सावधानी लेनी चाहिए. भारत में अभी तक कोरोना से किसी की मृत्यु नहीं हुई है.
इस वायरस की जाँच अधिकांश अस्पतालों में उपलब्ध है.
अगर आपको ऐसे लक्षण हैं तो सादा मास्क पहनें जिससे आपका वायरस दूसरों को प्रभावित न करे.
अगर आपको शक है तो, वायरस की जाँच होने तक लोगों से मेलजोल न करे. अगर लोगों से मिलें तो लोगों को अपने से दो मीटर से ज्यादा की दूरी पर रखें
बिना रुमाल या कपडा मुंह पर रखे छींक या खांसी न करें। रुमाल या कपड़े को गर्म पानी से धोएं या उसे सावधानी से फेंक दें जिससे अन्य लोगों बीमारी न फैले.
सामान्य साबुन एवं गरम पानी से हाथ धोने पर यह वायरस मर जाता है। हाथ धोए बिना लोगों के साथ हाथ न मिलाएं।
अपने खान – पान के बर्तनों को दूसरों से अलग रखें और उन्हें गर्म पानी से धोएं।
अगर आपको कोरोना वायरस का रोग है तो अस्पताल में भर्ती होना अत्यंत आवश्यक है।
इस वायरस के लिए कोई विशेष दवा नहीं बनी है. सिर्फ एंटीबायोटिक्स, खांसी या बुखार की दवा ही इसके इलाज में इस्तेमाल होती है.
गलत फ़हमियों और अफवाहों से दूर रहें और सही डॉक्टर्स की सलाह मानें