कोविड (कोरोना वायरस बीमारी) के बारे में विस्तृत जानकारी
Acknowledgment- डॉ रचित माथुर
कोविड 19 एक वायरस है। यह कोई नया नहीं, बल्कि एक पुराना वायरस है जो पहले भी पशुओं व मनुष्यों में गंभीर बिमारियाँ फैला चुका है। ये २००२ में चीन, २०१२ में सऊदी अरब और २०१९ में चीन मे आपदा का कारण बन चुका है।
यह प्रायः एक व्यक्ति से दूसरे को छूने से फैलता है।
वर्तमान समय में चीन, यूरोप के अधिकतर देश, अमरीका व ऑस्ट्रेलिया के काफी भाग कोविड 19 के तीसरे चरण से जूझ रहे हैं। भारत के दिल्ली, मुंबई, लखनऊ व पश्चिम बंगाल के कुछ छेत्रों में यह समस्या न केवल बढ़ कर सामने आ रही है, अपितु इसके कारण कई जाने भी जा चुकी हैं। भारत में भी रोगियों की संख्या लगभग 350 पहुँच गयी है जिसमे से करीब 7 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। आंकड़ों के अनुसार भारत कोविड 19 के तीसरे चरण में पहुँच गया है।
कोविड-19 वायरस संक्रामक रूप से फैलता है। व्यक्तियों में लक्षण दिखने के पहले वे स्वयं संक्रामक हो जाते हैं। अतः इससे पहले कि मनुष्यों को अपनी बीमारी का पता लगे, वे स्वयं ही रोग फैला चुके होते हैं। 82% रोगियों में हल्के लक्षण दिखते हैं, जिनमे से 89% रोगी हल्के फुल्के उपचार से जल्द ही ठीक हो जाते हैं।
2.3% से भी कम प्रभावित व्यक्तियों (जिनमे से अधिकतर बुजुर्ग/ गंभीर रुप से बीमार/ अथवा डेबीटीज़, हैपर्टेंशन, कैंसर या अन्य किसी रोग से ग्रसित) की मृत्यु हो सकती है। इम्यूनो ससप्रेसंट् औषधि लेने वाले कैंसर, लिवर/ गुर्दा ट्रांसप्लांट इत्यादि मरीज़ इसके आसानी से शिकार बनते हैं। संक्रमण होने के बाद 2 से 14 दिनों (औसतन 5 दिन) में बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। गंभीर रोगियों में आम तौर पे मृत्यु का औसतन समय 14 दिन होता है। रोगियों में बुखार, खांसी (75%), कमजोरी (50%), सांस फूलना (50%), सफेद कोशिकाओं की कमी और लिवर संबंधित समस्याएं दिखती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्देशित बचाव के उपाय:
1. चेहरे, विशेषकर आंखों, नाक और मुंह का स्पर्श बंद करें।
2. शुरुआती लक्षण (बुखार, सूखी खांसी और सांस लेने में कठिनाई) होते ही अपने डाॅक्टर से परामर्श करें।
3. जितना संभव हो उतना यात्रा से बचें, खासकर कोविड 19 प्रभावित क्षेत्रों में।
4. वस्तुओं की सतहों को नियमित रूप से ब्लीच / क्लोरीन आधारित कीटाणुनाशकों से साफ करें।
5. हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी (या सैनिटाइजर) से 20 सेकंड तक रगड़ के धोया जाना चाहिए। ऐसा विशेष रूप से भोजन छूने से पहले अवश्य करें।
6. खाँसी / छींक अपनी आस्तीन या किसी फेशियल टिशु में करें। इसके तुरंत बाद टिशु को किसी ढक्कन दार कूडे दान में फेक कर हाथ धोएँ।
7. डाॅक्टर द्वारा लिखी किसी भी दवा का कम से कम 4 सप्ताह का स्टॉक बनाए रखें।
8. भोजन का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखें (कम से कम 2 सप्ताह के लिए)।
9. किसी से भी हाथ मिलाने से बचें और कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाये रखें।
10. फेस मास्क स्वस्थ व्यक्तियों को संक्रमण से रोकने के लिए बहुत उपयोगी नहीं हैं, बल्कि रोगी व्यक्ति के द्वारा होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए इसका प्रयोग किया जाना चाहिए।
11. गंभीर कोविड का खतरा बुजुर्गों और मधुमेह, हृदय संबंधी , श्वास संबंधी रोगियों अथवा कैंसर रोगियों में अधिक होता है। अतः इन सभी को भीड़ भाड़ से बचना चाहिए।
12. बीमार व्यक्तियों को घर में अलग रहना चाहिए और उनको अलग बर्तनों का उपयोग करना चाहिए।
स्वास्थ सेवकों को रोगियों द्वारा संक्रमण से बचाव करना चाहिए व फेस मास्क / चश्मे का उपयोग करना चाहिए। रोगियों के परिजनों से उचित दूरी बनाये रखनी चाहिए। किसी संक्रमित व्यक्ति के कमरे में प्रवेश करते समय, गाउन, फेस मास्क, चश्मे और दस्ताने का उपयोग करना चाहिए।
वर्तमान में कोई भी चिकित्सा कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी साबित नहीं हुई है।
नियमित रूप से सलाइन/ साफ पानी के साथ नाक साफ करने से जुकाम में लाभ हो सकता है, लेकिन इस से कोविड-19 के विरुद्ध कोई लाभ नहीं होता है। घरेलू उपचार से भी कोई फायदा साबित नहीं होता है। चीन में हुए कुछ शोध में एंटीवायरल ड्रग फेविलविर इस से बचाव में उपयोगी पायी गयी है, व अन्य एंटी-वायरल दवाइयाँ (लोपिनवीर, रटनवीर, क्लोरोक्वीन, ऑसेल्टामाइविर, ड्यूरुनवीर आदि) पर परीक्षण चल रहे हैं।रोगियों में हाइपोक्सिया, हाइपोटेंशन, किसी अंग की शिथिलता (एक या अधिक) जैसे लक्षण या 60 वर्ष से अधिक आयु, मधुमेह, गुर्दे / फेफड़ों की बीमारी, या इम्यूनोकंप्रोमाइस्ड स्थिति में लोपिनविर/ रिटिनाविर दिया जा सकता है।